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Class 4 Hindi Apathit Gadyansh Unseen Passage
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Apathit Gadyansh for Class 4 with answers
अपठित गद्यांश
एक बार एक किसान का बैल गहरे गड्ढे में गिर गया | वह जोर जोर से चिल्लाने लगा | किसान उसे बहार निकलने का उपाए सोचने लगा | अंत में उसने निर्णय लिया की बैल काफी बूढ़ा हो चूका है, इस लिए उसे गड्ढे में ही दफना देना चाहिए | किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया| सभी मिलकर गड्ढे में मिट्टी डालने लगे | जैसे ही बैल को सब समझ में आया, वह और जोर जोर से चिल्लाने लगा और फिर अचानक शांत हो गया |
सब लोग चुपचाप गड्ढे में मिट्टी डालते जा रहे थे | तभी किसान ने नीचे झांककर देखा तो वह चकित रहे गया | अपनी पीठ पर पड़ने वाली मिट्टी को वह बूढ़ा हिला हिलाकर नीचे गिरा देता था और उस मिट्टी पर चढ़ जाता था | जल्दी ही वह गड्ढे के किनारे तक पहुंच गया और फिर अपनी हिम्मत और सूझ बुझ के बल पर बहार आने में सफल हो गया |
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) किसान का बैल कहा गिर गया|
(ख) बैल का चिल्लाना सुन कर किसान से क्या निर्णय लिया?
(ग) किसान के पड़ोसियों ने उसकी मदद किस प्रकार की?
(घ) किसान चकित क्यों रह गया?
(ड़) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए|
उपरोक्त प्रश्नो के संभावित उत्तर:-
(क) किसान का बैल गहरे गड्ढे में गिर गया|
(ख) बैल का चिल्लाना सुनकर किसान से यह निर्णय लिया की बैल काफी बूढ़ा हो चूका है, इसलिए उसे गड्ढे में ही दफना देना चाहिए|
(ग) किसान के पड़ोसियों ने मिलकर गड्ढे में मिट्टी डालकर उसकी मदद की|
(घ) किसान चकित इसलिए रह गया, क्योकि उसने देखा की बैल अपनी सूझ बुझ और हिम्मत से गड्ढे से बहार निकलने में सफल हो गया था|
(ड़) सफलता
Apathit Gadyansh for Class 4 with questions and answers pdf
अपठित गद्यांश
विचार-विनिमय के लिए मनुष्य को ही वाणी का वरदान प्राप्त है| पशु - पक्षी अपने भाव और विचार शारीरिक मुद्राओं ध्वनि संकेतो द्वारा प्रकट करते हैं| वाणी के अनेक रुप है, जिन्हें भाषा या बोली कहते हैं| संसार में इस समय भाषा के 3000 से भी अधिक रूप प्रचलित है| प्राय: सभी देशों की अपनी-अपनी भाषाएं हैं, उनके साथ- साथ स्थानीय बोलिया भी है, जो भाषा के ही प्रादेशिक रूप होते हैं| सबसे अधिक सरल, सुगम और स्वाभाविक भाषा मातृ भाषा कहलाती है; यह बालक को जन्मजात संस्कारों से मिलती है|
निम्न लिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-
(क) वाणी का वरदान किसे प्राप्त है|
(ख) पशु पक्षी अपने भाव किस प्रकार प्रकट करते हैं|
(ग) ‘स्वभाविक’ में प्रत्यय है|
(घ) संसार शब्द का पर्याय है|
(ड़) इस गद्यांश का उचित शीर्षक है|
उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-
(क) वाणी का वरदान मनुष्य को प्राप्त है|
(ख) पशु पक्षी अपने भाव शारीरिक मुद्राओ और ध्वनि - संकेतों से प्रकट करते हैं|
(ग) स्वभाविक - इक प्रत्यय
(घ) संसार- जगत
(ड़) शीर्षक- मातृभाषा
Apathit Gadyansh for Class 4 with questions and answers
अपठित गद्यांश
एक आदर्श छात्र शिक्षा में अच्छा होता है, अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेता है, अच्छा व्यवहार करता है और सुंदर एवं सुशील दिखता है। हर व्यक्ति उसकी तरह बनना चाहता है और हर व्यक्ति उसका दोस्त बनना चाहता है। शिक्षक भी ऐसे छात्रों को पसंद करते हैं और वे जहां भी जाते हैं उनकी सराहना की जाती है।
सभी इस तरह के छात्र के साथ बैठना या मित्रता करना चाहते हैं, तो कई लोग उनके लिए अच्छे की दुआ नहीं करते क्योंकि वे उनसे ईर्ष्या करते हैं। फिर भी इससे आदर्श छात्र के मन को कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह अपने व्यक्तित्व से जीवन में उच्च चीजें हासिल करता है। आदर्श छात्र कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो उत्तम है और प्रत्येक परीक्षा में पूर्ण अंक प्राप्त करता है या प्रत्येक खेल गतिविधियों, जिसमें वह भाग लेता है, और पदक जीतता है। आदर्श छात्र वह है जो अनुशासित रहता है और जीवन में एक सकारात्मक दृष्टि रखता है।
अपठितगद्यांशकेआधारपरनिम्नप्रश्नोकेउत्तरदीजिये :
(क) आदर्श छात्र को शिक्षा के साथ साथ क्या करना चाहिए ?
(ख) आदर्श छात्र कैसा दिखाई देता हैं ?
(ग) कौन लोग आदर्श छात्र के अच्छे कि दुआ नहीं करते हैं ?
(घ) आदर्श छात्र कौन होता हैं ?
(ड) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए|
अपठितगद्यांशकेआधारपरनिम्नप्रश्नोकेउत्तरदीजिये :-
(क) आदर्श छात्र को शिक्षा के साथ-साथ अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेना चाहिए|
(ख) आदर्श छात्र सुंदर एवं सुशील दिखाई देता हैं|
(ग) 'ईर्ष्या' करने वाले लोग आदर्श छात्र के अच्छे कि दुआ नहीं करते |
(घ) आदर्श छात्र वह है जो अनुशासित रहता है और जीवन में एक सकारात्मक दृष्टि रखता है।
(ड) 'आदर्श छात्र के गुण'
Apathit Gadyansh with questions and answers for Class 4
अपठित गद्यांश
मानव जीवन के लिए जिस प्रकार भोजन, नींद और श्वास आवश्यक है, उसी प्रकार जीवन को स्वस्थ, सुंदर और सक्रिय रखने के लिए मनोरंजन भी आवश्यक है| मनोरंजन का स्तर कुछ भी हो सकता है| मनोरंजन स्वास्थ्य एवं सौंदर्य बोध के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है| इससे बौद्धिक और मानसिक विकास होता है| जिस प्रकार ढंग से पका हुआ भोजन व स्वस्थ वातावरण शरीर को स्वस्थ रखता है, उसी प्रकार मनोरंजन के अच्छे साधन मन और मस्तिष्क का उचित विकास करते हैं| नाटक, सिनेमा, घूमना, खेलना आदि यह सभी मनोरंजन के अच्छे साधन हैं|
निम्न लिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-
(क) मनुष्य के लिए मनोरंजन क्यों आवश्यक है?
(ख) मनोरंजन से मनुष्य को क्या लाभ होता है?
(ग) ‘जीवन’ शब्द का विलोम शब्द लिखिए?
(घ) भौतिक शब्द में मूल शब्द क्या है?
(ड़) इस गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए?
उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-
(क) मनुष्य के जीवन को स्वस्थ, सुंदर और सक्रिय रखने के लिए मनोरंजन आवश्यक है|
(ख) मनुष्य से मनोरंजन का भौतिक और मानसिक विकास होता है|
(ग) जीवन का विलोम शब्द- ‘मरण’ है|
(घ) ‘बौद्ध’ मूल शब्द
(ड़) इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक ‘मनोरंजन से लाभ’ है|
Apathit Gadyansh for Class 4 pdf with answers
अपठित गद्यांश
यह कलयुग हैं | इसमें सभी काम मशीन द्वारा किये जाते हैं | मशीन का चमत्कार सुबह से शाम तक दिखाई देता हैं | प्रातः उठकर मनुष्य बिजली के दाँतब्रश से दन्त साफ़ करता हैं | बिजली के शेवर से अपनी दाढ़ी खुद बनता हैं | गीजर के गर्म पानी से नहाता हैं | इस तरह सुबह से शाम तक मशीने अपना करिश्मा दिखता हैं | गैस चूल्हा और कुकर खाना बना देता हैं, वही काटा और चम्मच उसे मुँह में डाल देता हैं | मोटर, स्कूटर, रेल आदि कार्यालय पहुंचा देते हैं | घर बिजली के लट्टुओं से जगमगा जाता हैं और ठंडक शीत-कल और पंखो से मिल जाती हैं | इन सभी कालो को चलना वाला एक बटन होता हैं | इसलिए तो कहा गया हैं- 'बटन देवाय नमः'|
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) वर्तमान युग को 'कलयुग' क्यों कहा गया हैं ?
(ख) कल घर में क्या चमत्कार दिखता हैं ?
(ग) सभी कलो को चलाने वाला कौन हैं ?
(घ) सुबह उठकर मनुष्य किन 'कलो' का प्रयोग करता हैं ?
(ड) 'बिजली' और 'कार्यालय' शब्दों के पर्यायवाची लिखिए |
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) इस युग में सभी काम मशीन द्वारा किये जाते हैं, इसलिए वर्तमान युग को 'कलयुग' कहा जाता हैं |
(ख) घर बिजली के लट्टुओं से जगमगा जाता हैं और ठंडक शीत-कल और पंखो से मिल जाती हैं |
(ग) सभी कलो को चलाने वाला एक बटन होता हैं |
(घ) सुबह उठकर मनुष्य बिजली के दाँतब्रश से दन्त साफ़ करता हैं, बिजली के शेवर से अपनी दाढ़ी खुद बनता हैं, गीजर के गर्म पानी से नहाता हैं |
(ड) 1. दामनी, चपला
2.दफ्तर, ऑफिस
Comprehension Passages Hindi for Class 4
अपठित गद्यांश
पेंसिल की कहानी बहुत पुरानी नहीं है| करीब छ: सौ वर्ष पहले जर्मनी में ग्रैफाइट की चट्टानें मिली | इनका कोई टुकड़ा लेकर कागज या पत्थर पर लिखा जाता, तो निशान या लकीरे बन जाती | इसके कोई डेढ़ सौ साल बाद इंग्लैंड में शुद्ध ग्रैफाइट की चट्टान मिली | पहले गड़रियो को इनका पता चला | वे ग्रैफाइट की चट्टान का टुकड़ा लेकर अपनी भेड़ो पर निशान लगा देते | इससे उन भेड़ो की अलग से पहचान हो जाती थी |
फ़्रांस के निकोलस जेटकांते और ऑस्ट्रेलिया के जोसफ हडथरमुथ ने सबसे पहले पेंसिल बनाने में कामयाबी हांसिल की | अब तो इतनी सुन्दर पेंसिल बनती है कि बच्चे उन्हें पाने के लिए मचल उठते है | अब पेंसिल पर सुन्दर सुन्दर बच्चो के हसते खेलते चित्र होते है | कुछ पर पक्षीयो और जानवरो के भी चित्र होते है | वे इतनी रंग बिरंगी होती है कि उन्हें हाथ में लिए बगैर चैन ही नहीं पड़ता |
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) करीब छः सौ वर्ष पहले जर्मनी में किसकी चट्टानें मिली?
(ख) ग्रैफाइट के टुकड़े से कागज या पत्थर पर लिखने से क्या बन जाता है?
(ग) ग्रैफाइट की शुद्ध चट्टानें सबसे पहले कहाँ मिली?
(घ) गडरिये ग्रैफाइट से क्या करते थे?
(ड़) सबसे पहले पेंसिल बनाने में किसने कामयाबी हासिल की?
उपरोक्त प्रश्नो के संभावित उत्तर:-
(क) जर्मनी में छ: सौ वर्ष पहले ग्रीफाइड की चट्टानें मिली थी|
(ख) ग्रीफाइड के टुकड़े से कागज या पत्थर पर लिखने से लकीरें बन जाती थी|
(ग) ग्रैफाइट की शुद्ध चट्टान सबसे पहले इंग्लैंड में मिली|
(घ) गडरिये ग्रैफाइट के टुकड़े से भेड़ो पर निशान लगते थे|
(ड़) सबसे पहले फ़्रांस के निकोलस जेटकांते और ऑस्ट्रेलिया के जोसफ हडथरमुथ पेंसिल बनाने में सफल हुए |
Solved Apathit Gadyanshs for Class 4
अपठित गद्यांश
वेद संसार में सर्वोत्तम और ज्ञान के समुद्र कहे गए हैं | उनको न समझना और उनके उपदेशो पर न चलना हमारी सबसे बड़ी मूर्खता हैं | यदि हमने वेदो को पढ़कर, उनके गुणों को समझ लिया और उन्नति करने की रीति को भी जान लिया, परन्तु उसके अनुकूल कर्म नहीं किया, तो वेदो को पढ़ना और समझना व्यर्थ ही हैं | जैसे कोई हमे कुछ बातो का उपदेश दे, जो पवित्र और उत्तम हो, हम उन बातो को केवल समझ ले और कंठस्थ कर ले, लेकिन कर्म न करे, तो हम कभी उन्नति नहीं कर सकते | हमारे लिए किन-किन विषयो के पठन का क्रम रखना ठीक होगा, इसका विचार हमारे व्यवस्था के अनुसार होना चाहिए | विद्यार्थी को ध्यान रखना चाहिए कि पढ़ना नियमनुसार चाहिए | एक पढ़ना समय को व्यतीत करने के लिए किया जाता हैं | छुट्टियों में दिल बहलाने के लिए किसी भी तरह का साहित्य पढ़ते रहना, बेमतलब कि किताबो के पन्ने उलटते रहना, कभी उपन्यास उठा लिया, कभी सिनेमा कि किताबे पढ़नी आरम्भ कर दी , इससे मन स्थिर नहीं रहता |
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) वेदो को क्या कहा जाता हैं ?
(ख) वेदो को पढ़ना तथा समझना कब व्यर्थ होगा ?
(ग) किस प्रकार के पठन से मन स्थिर नहीं रहता ?
(घ) विद्यार्थी को क्या ध्यान रखना चाहिए ?
(ड) पर्यायवाची लिखिए -
1.संसार-
2.उन्नति-
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) वेदो को संसार में सर्वोत्तम और ज्ञान के समुद्र कहा जाता हैं |
(ख) यदि हमने वेदो को पढ़कर, उनके गुणों को समझ लिया और उन्नति करने की रीति को भी जान लिया, परन्तु उसके अनुकूल कर्म नहीं किया, तो वेदो को पढ़ना और समझना व्यर्थ हैं |
(ग) दिल बहलाने के लिए किसी भी तरह का साहित्य पढ़ते रहना, बेमतलब कि किताबो के पन्ने उलटते रहना, कभी भी तरह का उपन्यास, कभी सिनेमा कि किताबे पढ़नी आरम्भ कर दी , इससे मन स्थिर नहीं रहता |
(घ) विद्यार्थी को ध्यान रखना चाहिए कि वेदो को पढ़ना नियमनुसार होना चाहिए |
(ड) 1. जगत , दुनिया
2.वृद्धि , तरक्की
Case based Apathit Gadyansh for Class 4
अपठित गद्यांश
चीन, जापान और कोरिया में खेला जाने वाला कुंग-फु खेल अब पूरी दुनिया में खेल जाता है | इसमें नायक और खलनायक 30 फ़ीट तक उछलकर एक-दूसरे पर प्रहार करते है | कुंग-फू खेल के अविष्कार की एक रोचक कथा है| दो हजार वर्ष पूर्व एक चीनी चिकित्सक 'हुआ-तू' ने इसका अविष्कार किया था | वे अपने मरीजों को स्वस्थ रखने के लिए कुंग-फू व्यायाम करने की सलाह देते थे | इस व्यायाम से रोगियों के दिमाग को आराम मिलता था और शरीर में ऊर्जा का संचार होता था | यह ऐसा व्यायाम था, जिसमे नृत्य शामिल था | इस प्रकार, चीनी चिकित्सक की कुंग-फू विद्या को बाद में आधुनिक जगत के चिकित्सको ने अपनाया | शोंगमैन, हंग-मर और एक तिबब्ती शैली के नाम से अंतराष्ट्रीय खेल में इसे सम्मान मिला | इस खेल से आत्म-सुरक्षा की भावना भी जाग्रत होती है |
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) 'कुंग-फू' खेल का अविष्कारक कौन था ?
(ख) 'कुंग-फू' पहले किन देशो में खेला जाता था ?
(ग) 'कुंग-फू' को खेलो में किन नामो से सम्मानित किया गया ?
(घ) 'कुंग-फू' खेल के क्या-क्या फायदे हैं ?
(ड) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए-
1.जो नायक का विरोधी हो-
2.जो रोगियों का इलाज करे-
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) 'हुआ- तू' कुंग-फू खेल के अविष्कारक थे |
(ख) कुंग-फू पहले चीन, जापान और कोरिया में खेला जाता था |
(ग) 'कुंग-फू' को शोंगमैन, हंग-मर और एक तिबब्ती शैली के नाम से अंतराष्ट्रीय खेल में सम्मानित किया गया |
(घ) इस व्यायाम से रोगियों के दिमाग को आराम मिलता हैं और शरीर में ऊर्जा का संचार होता हैं |
(ड) 1. खलनायक
2.चिकित्सक
Class 4 Solved Apathit Gadyansh
अपठित गद्यांश
मास्को में बहुत कुछ देखने लायक है, जैसे- अनेक संग्रहालय, आर्ट गैलरी, लेनिन पुस्तकालय, बड़े क्षेत्र में फैली प्रदर्शनी और वहाँ के स्मारक | किन्तु बोरोदीना पैनोरोमा देखकर आँखों पर विश्वास नहीं होता | सन 1812 में जब नेपोलियन जीतता चला आ रहा था, तो उसने मास्को पर भी अधिकार कर लिया था, लेकिन रुसी फौजो ने बड़ी वीरता का परिचय दिया | नेपोलियन को मुँह की खानी पड़ी | उसी की याद में पैनारोमा भवन बनाया गया था | कांच और एल्युमीनियम से बेलन के आकर में बने पैनोरमा भवन में खड़े होकर ऐसा लगता है, जैसे हम लड़ाई के मैदान में खड़े हो | जहाँ तक निगाह जाती है, वहाँ तक चारो ओर लड़ाई का ही दृश्य नजर आता है | उसे शब्दों में नहीं बांध सकते |
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) मास्को में क्या देखने लायक है ?
(ख) नेपोलियन ने मास्को पर कब अधिकार किया था ?
(ग) पैनोरमा भवन किससे बना है ?
(घ) पैनोरमा भवन किस आकर का है ?
(ड़) प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए |
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) संग्राहालय, आर्ट गैलरी ओर लेनिन पुस्तकालय |
(ख) सन 1812 में |
(ग) पैनोरमा भवन कांच और एल्युमीनियम से बना है |
(घ) पैनोरमा भवन गुम्बद के आकार का आकर का है |
(ड़) मास्को की यात्रा |
Apathit Gadyansh for Class 4
अपठित गद्यांश
महात्मा बुद्ध मुस्कराये और मधुर स्वर में बोले, "मैं तो ठहर गया | भला तू खूब ठहरेगा?" अंगुलिमाल ठगा सा रह गया| उसने बहगवां बुध की तरफ देखा | महात्मा बुद्ध के चेहरे पर दृढ़ विश्वास था, बड़ी शांति थी | उनकी आँखों में करुणा थी | अंगुलिमाल जिन लोगो को रोकता था, वे थर थर कांपते थे | उन्हें सताने में उसे बड़ा मजा आता था | लेकिन यह दुबला-पतला सन्यासी तो उससे बिलकुल नहीं दर रहा था | वह बोला ," हे सन्यासी | तुम्हे बिलकुल दर नहीं लगता | देखो, मैंने कितने लोगो को मरकर उनकी अंगुलियों की माला बनाई है | अगर मैं चाहूँ, तो तुम्हे....|"
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) महात्मा बुद्ध के चेहरे पर कैसे भाव था ?
(ख) महात्मा गाँधी ने अंगुलिमाल से क्या कहा ?
(ग) निम्नलिखित मुहावरों के उचित अर्थ लिखिए-
ठगा सा रह जाना
थर थर कांपना |
(घ) सन्यासी देखने में कैसा लग रहा था ?
(ड़) निम्नलिखित में से व्यक्तिवाचक संज्ञा और भाववाचक संज्ञा छांटकर लिखिए- महात्मा बुद्ध, शान्ति, अंगुलिओं का मन ?
उपरोक्त प्रश्नो के संभावित उत्तर:-
(क) महात्मा बुद्ध के चेहरा पर दृढ़ विश्वास और शान्ति थी |
(ख) " मैं तो टहर गया| भला तू कब ठहरेगा?"
(ग) 1. हैरान होना
2.बहुत घबराना
(घ) सन्यासी दुबला - पतला था|
(ड़) व्यक्तिवाचक संज्ञा – महात्मा बुद्ध, अंगुलिमाल
भाववाचक संज्ञा - शान्ति, करुणा |
Discursive Passage Hindi for Class 4
अपठित गद्यांश
गोपाल कृष्णा गोखले बचपन से ही सत्यवादी थे | एक बार उनके शिक्षक ने एक प्रश्न हल करने को दिया | दूसरे दिन जइब गृहकार्य देखा गया तो सभी के उत्तर गलत थे | केवल गोपाल ने ही प्रश्न का सही लिखा था | शिक्षक ने गोपाल की सबके सामने प्रशंसा की | गोपाल ने उन्हें रोकते हुए रुँधे हुए गले से कहा, "गुरु जी, मैं इस प्रशंसा का अधिकार नहीं हूँ | प्रश्न तो मेरे बड़े बही ने हल किया है, इसलिए शाबाशी मुझे नहीं मिलनी चाहिए |" शिक्षक प्रसन्न होकर बोले, "इसमें रोने की बात नहीं है | तुमने सच बोला है इसलिए यह पुस्तक मैं तुम्हे पुरुस्कार में देता हूँ | यह तुम्हे सदा सत्य बोलने को प्रेरित करती रहेगी|
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) गोपाल कृष्णा गोखले में क्या गुण थे ?
(ख) गोपाल का गृहकार्य देखकर शिक्षक ने क्या किया ?
(ग) शिक्षक से अपनी प्रशंसा सुन गोपाल ने क्या किया ?
(घ) शिक्षक ने गोपाल को पुरस्कार में क्या दिया और क्यों ?
(ड़) गद्यांश का कोई अच्छा-सा शीर्षक लिखिए |
उपरोक्त प्रश्नो के संभावित उत्तर:-
(क) गोपाल कृष्णा गोखले सत्यवादी थे |
(ख) शिक्षक ने गोपाल की सबके सामने प्रशंसा की |
(ग) गोपाल ने शिक्षक से कहा, "गुरु जी मैं इस प्रशंसा का अधिकारी नहीं हूँ, ये प्रश्न तो मेरे बड़े भाई ने हल किये है |
(घ) शिक्षक ने गोपाल को पुरस्कार में पुस्तक दी क्योकि उस ने सच बोला |
(ड़) गद्यांश का शीर्षक 'सदा सच बोलो' |
Apathit Gadyansh for Class 4 with answers pdf
अपठित गद्यांश
एक गधा जंगल में घास चर रहा था | जंगल के किनारे पर ही उसके मालिक हरिया का घर था | वह रोज जंगल में आकर घास खाकर उसे बड़ा ही मजा आता था | उसे वहाँ कभी भी कोई खतरा महसूस नहीं हुआ | मगर एक दिन अचानक ही उसे पास की झाड़ियों में सरसराहट सुनाई दी | उसने सर उठाकर देखा तो उसके प्राण सुख गए | झाड़ियों से निकलकर एक बाघ उसके सामने आ खड़ा हुआ था | गधे ने सोचा कि आज तो मारे गए | मगर आदमियों की संगत में रहकर वह भी बहुत चालाक हो गया था | उसने डरना छोड़ और लंगड़ा लगडकर चलने लगा |
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) गधा जंगल में क्या कर रहा था ?
(ख) जंगल के किनारे किसका घर था ?
(ग) अचानक ही एक दिन गधे के सामने कौन आकर खड़ा हो गया ?
(घ) निम्नलिखित शब्दों के लिंग बदल कर लिखिए-
1.मालिक -
2.बाघ-
(ड़) गद्यांश में से दो विशेषण शब्द छांटकर लिखिए |
उपरोक्त प्रश्नो के संभावित उत्तर:-
(क) गधा जंगल में घास खा रहा था |
(ख) जंगल के किनारे हरिया का घर था |
(ग) अचानक ही उसके सामने एक बाघ आकर खड़ा हो गया |
(घ) 1. मालकिन
2.बाघिन
(ड़) 1. हरी-हरी
2.चालाक
Short Apathit Gadyansh Class 4 with questions and answers
अपठित गद्यांश
सरदार वल्लभभाई पटेल का बचपन गांव में बिता था| उनके गांव में कोई अंग्रेजी स्कूल नहीं था, इसलिए गांव के बच्चे रोज़ दस-ग्यारह किलोमीटर पैदल चलकर दूसरे गांव में पढ़ने जाते थे | एक दिन छात्रों की टोली निकली तो उन्होंने पाया कि उनमे से एक छात्र काम है | वल्लभभाई पीछे रहे गए थे | लड़को ने मुड़कर देखा तो पाया कि वे खेत कि मेड पर किसी चीज़ को उखाड रहे है | साथियों ने दूर से ही आवाज़ दी क्या हुआ ? वल्लभभाई ने कहा जरा यह पत्थर हटा लूँ, तो आता हूँ | साथियों को ध्यान आया कि खेत कि मोड़ पर एक नुकीले पत्थर से कई बार उन्हें ठोकर लग चुकी थी, पर आज तक किसी ने उसे नहीं हटाया | वल्लभभाई ने जब पत्थर हटा लिया तो साथियो के साथ चलते हुये बोले-रास्ते के इस पत्थर से कितनो को ठोकर लगी होगी | ऐसी चीज को हटा ही देना चाहिये | सारे बच्चे आश्चर्य से उन्हें देख रहे थे |
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) गांव के बच्चे पढ़ने के लिए दूसरे गांव क्यों जाते थे ?
(ख) वल्लभभाई पीछे क्यों रह गए थे ?
(ग) नुकीला पत्थर हटाने का क्या कारण था |
(घ) रास्ते से पत्थर हटाने वाले काम से वल्लभभाई के चरित्र की किस विशेषता का पता चलता है ?
(ड़) अर्थ लिखिए-
1.टोली -
2.मेड –
उपरोक्त प्रश्नो के संभावित उत्तर:-
(क) गांव के बच्चे पढ़ने के लिए दूसरे गांव जाते थे क्योकि उनके गांव में कोई अंग्रेजी स्कूल नहीं था, इसलिए गांव के बच्चे रोज़ दस ग्यारह किलो मीटर पैदल चलकर दूसरे गांव में पढ़ने जाते थे |
(ख) वल्लभभाई पीछे रहे गए क्योकि वे खेत के मेड़ पर पड़े पत्थर को हटाने के लिए रुक गए थे |
(ग) खेत के मेड़ पर पड़े नुकीले पत्थर से कई बार उन्हें ठोकर लग चुकी थी|
(घ) वल्लभभाई बड़े ही मददगार और दयालु थे |
(ड़) 1. समूह
2.रास्ते
Case based factual Passage for Class 4
अपठित गद्यांश
पुस्तकालय का अर्थ है- पुस्तके रखने का घर अर्थात जहाँ एक ही जगह पर एक साथ बहुत सारी पुस्तके रखी जाती है | हर स्कूल और कॉलेज में पुस्तकालय होता है | जो लोग नौकरी करते है, उन लोगो के लिए भी पुस्तकालय होता है | इसे पब्लिक लाइब्रेरी कहा जाता है | पुस्तकालय में न केवल पुस्तके होती है, बल्कि अख़बार, पत्र-पत्रिकायें आदि भी होती है | लोग पुस्तकालय में बैठकर अपनी मनपसंद पुस्तके, पत्र-पत्रिकाएं, अख़बार आदि पढ़ते है | हमारे विद्यालय एम् भी एक बड़ा सा पुस्तकालय है | इसमें हिंदी, अंग्रेजी, गणित, संस्कृत, फ्रैंच, जर्मनी आदि विषयो की लगभग ६००० पुस्तके है | यहाँ पर विभिन्न भाषाओ के शब्दकोष, पत्र- पत्रिकाएं आदि भी है| पुस्तकालय में बैठकर पढ़ने के साथ पुस्तकों को घर ले जाकर पढ़ने की सुविधा भी होती है |
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) पुस्तकालय किसे कहते है |
(ख) पुस्तकालय कहाँ कहाँ होते है ?
(ग) पुस्तकालय में पुस्तकों के अलावा क्या चीज़े मिलती है |
(घ) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए |
(ड़) गद्यांश में से 'पुस्तकालय' तथा 'स्कूल' शब्द के लिए समानथी शब्द छांटकर लिखिए |
उपरोक्त प्रश्नो के संभावित उत्तर:-
(क) पुस्तकालय का अर्थ है- पुस्तके रखने का घर अर्थात जहाँ एक ही जगह पर एक साथ बहुत सारी पुस्तके राखी जाती है|
(ख) हर स्कूल और कॉलेज में पुस्तकालय होता है |
(ग) पुस्तकालय में पुस्तकों के अलावा अख़बार, पत्र-पत्रिकाएँ आदि होती है |
(घ) गद्यांश का उचित शीर्षक- 'पुस्तकालय' है|
(ड़) 1. पुस्तकालय- लाइब्रेरी
2.स्कूल – विद्यालय
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